हरियाणा शिक्षा के लिए 20,000 रुपये वित्तीय सहायता योजना
शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता योजना (नियम 60): पंजीकृत कामगारों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति
शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता योजना (नियम 60) हरियाणा सरकार द्वारा पंजीकृत कामगारों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को प्राथमिक से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक की शिक्षा प्राप्त करने में आर्थिक बोझ को कम करना है। यह योजना शिक्षा के प्रति समर्पित छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है और उन्हें आर्थिक समस्याओं के कारण शिक्षा से वंचित होने से बचाती है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत कामगारों के बच्चों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह सहायता प्राथमिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8) से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक की पढ़ाई के लिए दी जाती है। योजना के तहत छात्रों को प्रतिवर्ष 8,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, व्यावसायिक और तकनीकी कोर्सेज के लिए भी शैक्षणिक खर्चों की प्रतिपूर्ति की जाती है।
छात्रवृत्ति योजना के तहत दी जाने वाली राशि
इस योजना के तहत छात्रों को उनकी कक्षा और शिक्षा स्तर के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। नीचे दी गई तालिका में कक्षावार राशि का विवरण दिया गया है:
| क्र.सं. | श्रेणी का नाम | दी जाने वाली राशि |
|---------|----------------|--------------------|
| 1 | प्राथमिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8) | 8,000 रुपये प्रति वर्ष |
| 2 | सैकण्डरी शिक्षा (कक्षा 9 से 12) / आई.टी.आई. कोर्स | 10,000 रुपये प्रति वर्ष |
| 3 | उच्चतर शिक्षा (स्नातक डिग्री के प्रथम वर्ष से अंतिम वर्ष तक) | 15,000 रुपये प्रति वर्ष |
| 4 | स्नातकोत्तर (मास्टर डिग्री के प्रथम वर्ष से अंतिम वर्ष तक) | 20,000 रुपये प्रति वर्ष |
इसके अलावा, व्यावसायिक और तकनीकी कोर्सेज जैसे चिकित्सा, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, एम.सी.ए, कानून, फैशन डिजाइनिंग आदि के लिए भी शैक्षणिक खर्चों की प्रतिपूर्ति की जाती है।
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वित्तीय सहायता प्राप्त करने की शर्तें
इस योजना के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:
1. पंजीकृत श्रमिक की सदस्यता: आवेदक के माता-पिता में से कम से कम एक पंजीकृत श्रमिक होना चाहिए और उसकी नियमित सदस्यता कम से कम एक वर्ष पुरानी होनी चाहिए।
2. नियमित पढ़ाई: छात्र/छात्रा को स्कूल/संस्था में नियमित रूप से पढ़ाई करनी चाहिए। इसके लिए संस्था के मुखिया द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य है।
3. हरियाणा राज्य की संस्था: केवल वही छात्र इस योजना के पात्र होंगे जो हरियाणा राज्य की किसी मान्यता प्राप्त संस्था/स्कूल/कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।
4. अधिकतम तीन बच्चे: एक पंजीकृत श्रमिक के अधिकतम तीन बच्चे ही इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
5. फेल होने की स्थिति: यदि छात्र किसी कक्षा में फेल हो जाता है, तो उसी कक्षा के लिए दोबारा वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाएगी।
6. रोजगार या नौकरी: जो छात्र स्वयं रोजगार या नौकरी कर रहे हैं, वे इस योजना के लाभ के पात्र नहीं होंगे।
पात्रता
- सदस्यता वर्ष: 1 वर्ष
- आवेदन की सीमा: 3 बच्चे
- योजना के लिए: सभी पंजीकृत श्रमिक
- मृत्यु के बाद जारी: हाँ
योजना के लाभ
- प्राथमिक शिक्षा के लिए 8,000 रुपये प्रति वर्ष।
- सैकण्डरी शिक्षा और आई.टी.आई. कोर्स के लिए 10,000 रुपये प्रति वर्ष।
- स्नातक डिग्री के लिए 15,000 रुपये प्रति वर्ष।
- स्नातकोत्तर डिग्री के लिए 20,000 रुपये प्रति वर्ष।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
1. पंजीकृत श्रमिक का सदस्यता प्रमाण पत्र।
2. छात्र/छात्रा का स्कूल/संस्था द्वारा जारी नियमित पढ़ाई का प्रमाण पत्र।
3. आवेदक का आधार कार्ड।
4. बैंक खाता विवरण।
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है। आवेदन फॉर्म और अन्य जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट [यहाँ](https://storage.hrylabour.gov.in/uploads_new_2/bocw/scheme_undertaking/1612423981.pdf) विजिट करें।
शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता योजना (नियम 60) पंजीकृत कामगारों के बच्चों के लिए एक बेहतरीन पहल है। यह योजना न केवल छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित भी करती है। यदि आप इस योजना के पात्र हैं, तो आवेदन करके इसका लाभ उठाएं और अपने बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाएं।
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