हरियाणा सरकार ने पंचायती जमीन पर 20 वर्ष से अधिक समय से बने मकानों के मालिकों को मालिकाना हक दिया जाएगा
हरियाणा कैबिनेट का बड़ा फैसला: पंचायती जमीन पर मालिकाना हक मिलेगा . हरियाणा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई हरियाणा कैबिनेट की बैठक में विलेज कॉमन लैंड एक्ट 1959 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इस संशोधन के तहत, पंचायती जमीन पर 20 वर्ष से अधिक समय से बने मकानों के मालिकों को कलेक्टर रेट पर मालिकाना हक दिया जाएगा। यह फैसला हरियाणा के ग्रामीणों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जो अब तक अपनी संपत्ति पर पूर्ण अधिकार नहीं रख पा रहे थे।
क्या है यह नया नियम?
हरियाणा कैबिनेट ने ग्राम साझा भूमि विनियमन अधिनियम 1961 में भी संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत, पंचायती जमीन पर 20 वर्ष या उससे अधिक समय से बने मकानों के मालिकों को 500 वर्ग गज तक की जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा। यह अधिकार 2004 के कलेक्टर रेट के आधार पर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि जमीन का मूल्य 2004 के रेट के अनुसार तय किया जाएगा, जो वर्तमान बाजार दरों की तुलना में काफी कम होगा।
इसके अलावा, इस जमीन को व्यक्ति अपने नाम पर करवा सकता है और इसे बेच भी सकता है। इस प्रक्रिया के लिए कैबिनेट की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि संबंधित डायरेक्टर इसे मंजूरी दे सकेंगे। यह प्रावधान ग्रामीणों को अपनी संपत्ति पर पूर्ण अधिकार देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला?
हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती जमीन पर बने मकानों का मालिकाना हक लंबे समय से एक बड़ा मुद्दा रहा है। अब तक, ऐसे मकानों के मालिकों को अपनी संपत्ति पर पूर्ण अधिकार नहीं मिल पाता था, जिससे उन्हें कई तरह की कानूनी और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इस नए फैसले से ग्रामीणों को न केवल अपनी संपत्ति पर अधिकार मिलेगा, बल्कि उनका भविष्य भी सुरक्षित होगा।
इसके अलावा, यह फैसला ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देगा। जब लोगों को अपनी जमीन पर पूर्ण अधिकार मिलेगा, तो वे इसे बेचकर या इस पर निवेश करके अपने आर्थिक स्तर को सुधार सकेंगे। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठेगा।
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कैसे होगा लाभ?
1. संपत्ति पर अधिकार: जिन लोगों के पास पंचायती जमीन पर 20 वर्ष से अधिक समय से मकान बना हुआ है, उन्हें अब इस जमीन का मालिकाना हक मिल जाएगा।
2. कम दर पर जमीन: जमीन का मूल्य 2004 के कलेक्टर रेट के आधार पर तय किया जाएगा, जो वर्तमान बाजार दरों की तुलना में काफी कम होगा।
3. संपत्ति बेचने की सुविधा: मालिकाना हक मिलने के बाद, व्यक्ति इस जमीन को बेच भी सकता है।
4. कानूनी सुरक्षा: इस फैसले से ग्रामीणों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और उन्हें संपत्ति से जुड़े विवादों से छुटकारा मिलेगा।
मुख्यमंत्री नायब सैनी का बयान
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि यह फैसला ग्रामीणों के हित में लिया गया है। उन्होंने कहा, "कैबिनेट ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जो राज्य के विकास और लोगों के कल्याण के लिए हैं। हमने पंचायती जमीन पर मालिकाना हक देने का फैसला किया है, ताकि ग्रामीणों को उनकी संपत्ति पर पूर्ण अधिकार मिल सके।"
हरियाणा कैबिनेट का यह फैसला ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। पंचायती जमीन पर मालिकाना हक मिलने से ग्रामीणों को अपनी संपत्ति पर पूर्ण अधिकार मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित होगा। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इसके अलावा, हरियाणा वन्य जीव सुरक्षा नियम-2024 का लागू होना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम है। यह नियम वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और पर्यावरण को बचाने में मदद करेगा। हरियाणा सरकार के इन फैसलों से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर है। यह कदम न केवल ग्रामीणों के लिए फायदेमंद साबित होगा, बल्कि राज्य के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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